कोरोना से त्रस्त छालीवुड ग्लिब्स डॉट इन के विशेष कार्यकम में मिलिए छत्तीसगढ़ी फिल्मों में हिट की गारंटी सबसे सफल निर्माता निर्देशक सतीश जैन से जिनकी हिट फ़िल्म मोर छइयां भुइयां की सफलता का रिकार्ड कोई तोड़ नही पाया है
खरी खरी। महासमुंद में उड़ीसा से एक फोर व्हीलर में लाई जा रही थी 7200000 रुपए की सिगरेट। प्रफुल्ल ठाकुर एसपी महासमुंद बधाई के पात्र हैं, लगातार अभियान चला रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि सिगरेट यहां खरीदता कौन है ? गुटखा यहां खरीदता कौन है? गांजा यहां खरीदता कौन है? इन सब सवालों के जवाब जब तक नहीं मिलेंगे तब तक पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठते रहेंगे।
Video 2020 के घनघोर अंधेरे को चीर कर आया है उम्मीदों भरा नया साल,स्वागत कीजिये ग्लिब्स परिवार के साथ
रायपुर। स्वागत करिये नए साल का दिल खोल कर। बीते साल जो कुछ बीता उसे भूलकर।दिलो में आई कडुवाहट को मिठास में बदल कर। नया साल इंतज़ार कर रहा है आपका अपनी झोली में खुशियां उपलब्धियां भर कर।तो फिर देर किस बात है दिल खोलकर कहिये हैप्पी न्यू ईयर।
खरी खरी। रायपुर। 2020 बीत गया है। 2021 आ गया है लेकिन कोरोना का जो दंश हमने पूरे 2020 में झेला वह ऐसा लगता नहीं कि 2021 में खत्म हो जाएगा। नया स्टेन आ गया है जो नया स्ट्रेस दे रहा है। और ऐसे में लोगों की लापरवाही और डरा रही है। उम्मीद है शासन-प्रशासन नए साल के जश्न पर कठोरता से अंकुश लगाएगा ताकि 2020 कि 2021 में वापसी ना हो।
खरी खरी। बधाई के पात्र हैं आईएएस रजत बंसल और आईपीएस दीपक झा बस्तर कलेक्टर और बस्तर एसपी। दोनों रात को अचानक खुली सड़क पर निकल पड़े और लोगों से उनका हाल पूछा। ठंड से बचने के लिए उन्हें कंबल और शॉल बांटे। ठंड गर्मी और बरसात शायद इसका असर बड़े लोगों पर कभी नहीं होता। उनके लिए मौसम मजा होता है, मगर गरीबों के लिए मौसम सजा होता है। इस सजा को अगर रजत बंसल और दीपक झा जैसे बड़े लोग महसूस कर सकते हैं,उससे उन्हें राहत दिलाने की पहल कर सकते हैं तो फिर बाकी लोगों को भी सामने आना ही चाहिए।
रायपुर। राजधानी से लगे अमलेश्वर से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। अमलेश्वर के खुडमुड़ा गांव में एक ही परिवार के 4 सदस्यों की बड़ी ही निर्ममता से हत्या कर दी गई।
खरी खरी। कहने को तो खुड़मुड़ा गांव दुर्ग जिले में आता है पर यह राजधानी रायपुर से लगा हुआ है। और जयस्तंभ से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर। यहां सोनकर परिवार के 4 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड की खबर आग की तरह आसपास के गांव के साथ राजधानी में भी फैली। बेहद दर्दनाक इस वारदात पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। लोग अब अपने-अपने दावे पेश करेंगे मगर इन सबके बीच सुनकर परिवार के 4 लोग मौत की नींद सो गए। समय है पुलिस को अपनी खोई हुई साख वापस पाने का, समय है पुलिस को अपराध जगत पर अपना दबदबा कायम करने का। अगर यह सब नहीं कर सकते तो फिर ऐसी वारदात होने पर हैरानी नहीं होनी चाहिए।
खरी खरी। इसमें कोई शक नहीं हर आंदोलन को पुलिस ही कुचलती है। इसमें कोई शक नहीं आंदोलनकारियों को पुलिस पीटती है खडेडती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें आंदोलन का भी अधिकार ना मिले। एक डिसिप्लिण्ड फोर्स होने के नाते उन्हें डिमांड तक करने का अधिकार नहीं और ऐसे में उनके छोटे कर्मचारी वेतन विसंगतियों के कारण हमेशा से नुकसान झेलते आ रहे हैं। अगर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उन पर दया दिखाते हैं तो शायद वह हिंदुस्तान के पहले मुख्यमंत्री होंगे जो पुलिस रिफॉर्म्स के मामले में पहल करते नजर आएंगे।

रायपुर। कवर्धा में नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे एबीवीपी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद अब कार्यकर्ता 17 दिसंबर को सीएम हाउस का घेराव करेंगे। सूत्रों की माने तो कार्यकर्ताओं से अब तक पुलिस-प्रशासन की बात नहीं हो पायी है। कार्यकर्ताओं ने घेराव के लिए अब तक न अनुमति मांगी है और न ही सूचना दी है। इतना ही नहीं पुलिस को कार्यकर्ताओं के घेराव का मार्ग भी पता नहीं चल पाया है। लेकिन कार्यकर्ताओं ने अपने वाट्सअप स्टेटस में विरोध का वॉल और पोस्टर लगाकर घेराव करने का आव्हान कर दिया है। बताया जा रहा है कि प्रदर्शन में लगभग प्रदेशभर से हजारों की संख्या में कार्यकर्ता जुटेंगे।
कोरोना का डर जंहा सारी दुनिया पर चढ़ कर बोल रहा है वहीं हमारे राज्य के बच्चे बेख़ौफ़ टेबल टेनिस टूर्नामेंट में अपना हुनर दिखा रहे थे। सब जूनियर वर्ग के कड़े मुकाबले में खिताब पर कब्ज़ा जमाने विजेताओं और जरा सा चूक जाने उपविजेताओं से खास बात की ग्लिब्स.इन ने। कोरोना काल में छत्तीसगढ़ टेबल टेनिस संघ की ये चैंपियनशिप प्रशंसनीय रही। बिना कोरोना टेस्ट के किसी को प्रवेश नही दिया गया। इस तरह के आयोजन खिलाड़ियों के लिए बेहद जरूरी है और इसपर खरा उतरा है टेबल टेनिस संघ।
खरी खरी। भूपेश सरकार के दो साल पूरे होने पर वर्चुअल मैराथन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ सारा छत्तीसगढ़ दौड़ पड़ा। मंत्री दौड़े सन्त्री दौड़े अफसर दौड़े जनता दौड़ी। सब दौड़े विकास की दौड़। उस छत्तीसगढ़ में जो विकास की दौड़ में बहुत तेजी से दौड़ रहा है और इसका श्रेय जाता है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को।
खरी खरी। कटघोरा वन मंडल में एक हाथी की मौत के बाद प्रभारी डीएफओ को निलंबित कर दिया गया जबकि उसी वन मंडल में स्थायी डीएफओ के कार्यकाल में एक नहीं दो दो शावकों की मौत हुई थी। हाथी के दो शावकों के अलावा उस वनमंडल में एक तेंदुआ भी मारा गया था। इसके अलावा मजदूरों की मजदूरी रोकने जैसे गंभीर आरोप भी उन पर है। लेकिन पता नहीं ऐसा क्या परफारमेंस था उनका जो लंबी चौड़ी ट्रांसफर लिस्ट में उनका नाम नहीं आया। पूरे जंगल विभाग में इस भारी उलटफेर की चर्चा है। जिसका नाम मेरिट में होना चाहिए था उसका नाम ही नहीं है और जिसकी कोई गलती नहीं उसका नाम निलंबन लिस्ट में टॉप पर है। सब हैरान है कि जंगल विभाग में आखिर राज किसका चल रहा है।