

धनिया पुदीना की चटनी और अदरक की चाय के साथ ट्राई कीजिए मटर के चीले, सुबह हो या शाम करते रहेंगे यम यम
रायपुर। मटर का चीला ट्राई कीजिए नाश्ते में, सुबह हो या शाम मज़ा ही आ जाएगा। इसे धनिया पुदीना चटनी और अदरक की चाय के साथ परोस सकते हैं।
सामग्री :
1 कप हरे मटर , उबाल ले
2 बड़े चमच्च बेसन
2 बड़े चमच्च चावल का आटा
2 बड़े चमच्च पनीर , कस ले
1 बड़ा चमच्च क्रीम
1 छोटा चमच्च अदरक , कस ले
1/2 छोटा चमच्च कुकिंग सोडा
1/2 छोटा चमच्च लाल मिर्च पाउडर
1/2 छोटा चमच्च जीरा पाउडर
1/2 छोटा चमच्च नमक
2 छोटे चमच्च तेल , प्रयोग अनुसार
विधि :
-मटर का चीला बनाने के लिए सबसे पहले मटर को उबाल ले। इसे एक मिक्सर ग्राइंडर में थोड़े पानी के साथ डाले और पेस्ट बना ले। इस पेस्ट को एक बाउल में बाकी सारी सामग्री के साथ डाले। तेल न डाले।
-अच्छी तरह से इस घोल को मिला लें।
-अब एक नॉन स्टिक पैन को गरम करें। इसमें थोड़ा तेल डालें। तेल के गरम होने के बाद, पेपर नैपकिन से हटा लें।
-अब पैन के बिच में थोड़ा मटर का घोल डालें। अब इसे बिच में से एक चमच्च की मदद से गोल आकार में पैनकेक जैसे फैला दें।

रायपुर। मूली के पत्तों के भी कई फायदे होते हैं, जिन्हें हम अक्सर फेंक देते हैं। मूली के पत्तों में मूली से भी ज्यादा पोषण पाया जाता है। इन पत्तों में विटामिन- ए, बी व सी के अलावा फास्फोरस, आयरन, क्लोरीन, सोडियम और मैग्नीशियम के अलावा भी कई अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं और ये सभी पेट के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। साथ ही ये मूत्र विकारों में भी बेहद लाभकारी होते हैं। मूल्ली के पत्तों की आप सब्जी बनाकर खा सकते हैं। इससे शरीर को कई फायदे मिल सकते हैं।

रायपुर। बालासन करने के शरीर के अंदरूनी अंगों में लचीलापन आता है। यह आसान शरीर से तनाव को दूर करता है। यह श्वास को सामान्य कर तन व मन को शान्त करता है। साथ ही इस आसन का लगातार अभ्यास अच्छी नींद लाने में सहायक है। जिस तरह छोटे बच्चे अपने घुटने पर चलते हैं। इस आसन को करने पर आप इसी पोजीशन में होते हैं। यह आसन बिल्कुल वैसे ही किया जता है। बालासन आसन को करते हुए आपके पेट के निचले हिस्से में दबाव बनता है, जिससे पेट फूलने की समस्या कम होती है। इस आसन को जितनी देर कर सकते हैं, उतनी देर करें। इसके अलावा इस आसन की मदद से दर्द, अवसाद और तनाव से भी राहत मिलती है।

रायपुर। कई बार दाद की समस्या हो जाती है। दाद जो त्वचा की ऊपरी परत पर होता हैं। दाद एक संक्रामक फंगल संक्रमण होता है, जो फफूंदी जैसे परजीवी के कारण होता है। यह परजीवी आपकी बाहरी त्वचा की कोशिकाओं में पनपता है और कई तरीकों से फैल सकता है।
दाद होने के कारण :
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलना - दाद संक्रमित व्यक्ति की त्वचा से किसी स्वस्थ व्यक्ति की त्वचा का संपर्क में आने पर यह रोग फैल सकता है।
जानवर से मानव में फैलाव - दाद से ग्रसित जानवर को स्पर्श करने से भी दाद का संक्रमण मनुष्य के शरीर फैल सकता है। जैसे घर के पालतू संक्रमित कुत्ते या बिल्ली को लाड़ प्यार करना। दाद का संक्रमण गायों में भी काफी सामान्य होता है।
वस्तु से मानव में फैलाव - मानव या जानवर से किसी संक्रमित वस्तु को छूने से भी दाद का संक्रमण उनमें फैल सकता है। संक्रमित वस्तुएं जैसे कि कंघी, ब्रश, कपड़े, तौलिया, बिस्तर और चादर।

रायपुर। सर्दियों में डैंड्रफ एक ऐसा हेयर प्रॉब्लम है, जिसके साथ कोई भी नहीं रहना चाहता। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि सर्दी के सीजन में ठंडी और ड्राई हवा चल रही होती है, जो स्कैल्प में मौजूद नमी को छीन लेता है। साथ ही इस दौरान वातावरण में मालास्सेजिआ नाम का फंगस भी अधिक होता है, जिस वजह से बालों में रूसी की समस्या होती है। जब ये ड्राई और ठंडी हवा बालों तक पहुंचती है तो हमारा स्कैल्प जहां से बालों की जड़ें शुरू होती हैं ड्राई और पपड़ीदार हो जाता है और उसमें खुजली होने लगती है।
इन वजहों से भी डैंड्रफ होता है :
- अगर आपके स्कैल्प की स्किन बहुत ज्यादा ऑइली है तो मालास्सेजिआफंगस का ग्रोथ अधिक होगा और डैंड्रफ की समस्या बढ़ेगी।
- टीनएज में अगर आपके शरीर में बहुत ज्यादा हॉर्मोनल बदलाव होते हैं तो इससे भी स्किन ऑइली हो जाती है और डैंड्रफ या रूसी की समस्या बढ़ सकती है।
- कुछ लोगों में ड्राई स्कैल्प की समस्या होती है। उनमें भी डैंड्रफ अधिक होता है।
- अगर आपका स्कैल्प हद से ज्यादा सेंसेटिव है तो हेयर प्रॉडक्ट्स और स्टाइलिंग प्रॉडक्ट्स यूज करने की वजह से भी स्कैल्प में ड्राइनेस हो जाता है और डैंड्रफ की समस्या बढ़ सकती है।

रायपुर। सादी पूरी तो बनाते ही होंगे क्यां ना पूरी को थोड़ा अलग टेस्ट के साथ ट्राई कर के देखा जाए। तो बना के देखिए चुकंदर की पूरी। इसमें नेचुरल नाइट्रेट्स होते हैं, जिससे दिमाग में ब्लड फ्लो बूस्ट होता है।
समाग्री :
1 1/2 कप गेहूं का आटा
1 कप चुकंदर का रस
1/4 चम्मच अजवाइन
नमक स्वादानुसार
तलने के लिए घी
विधि :
आटे में नमक और अजवाइन डाल कर मिक्स करें।
चुकंदर का रस डालते हुए आटा गूथ ले जरूरत हो तो थोड़ा पानी डाल ले।
2 मिनट ढक कर रख दें।
आटे की लोई बना लें।
कढ़ाई में घी गरम करें और पूरी बेल कर तल लें।
गरमा गरम मनपसंद सब्जी के साथ सर्व करें।

रायपुर। ठंड का शिकंजा बढ़ चुका है और फिजां में हर तरफ गलन है। ऐसे में घर के अंदर भी राहत नहीं मिल पा रही है। सर्दियों में घर को गरम रखने के शानदार उपाय...
भारी परदे :
घर की गर्माहट को बाहर जाने से और बाहर की ठंड को अंदर आने से रोकते हैं हैवी कर्टेन। सर्दियों में खिड़कियों पर डार्क कलर्स के लेयर वाले हैवी परदे लगाएं।
दरियां :
जब घर भी अंदर से गलन का अहसास कराने लगे तो अंदर फर्श पर वॉल टु वॉल कारपेट और गरम दरियां लगवाएं। छोटे बच्चों वाले घर में इनकी विशेष जरूरत होती है।
फलालेन बैडिंग :
सर्दियों से मुकाबले के लिए फलालेन बैडिंग तैयार करवाएं। ये सॉफ्ट और गर्म होती है और इस मौसम के लिए में बैड लिनिन के लिए परफेक्ट फैब्रिक भी है ये।

रायपुर। अचानक घर में आजाए कोई मेहमान तो ट्राई कीजिए आलू का कीस। यह खाने में बहुत ही टेस्टी लगती है और इसे आसानी से बनाया जा सकता है।
सामग्री :
दो आलू
एक छोटा चम्मच घी
एक छोटा चम्मच जीरा
पांच करी पत्ते
तेल जरूरत के अनुसार
एक छोटा चम्मच भुनी मूंगफली (दरदरी पिसी हुई)
एक छोटा चम्मच नींबू का रस
दो छोटा चम्मच हरा धनिया
स्वादानुसार नमक
विधि :
- सबसे पहले एक बाउल में आलू को कद्दूकक कर लें।
- मीडियम आंच में एक पैन में तेल गरम करने के लिए रखें।
- तेल के गरम होते ही इसमें जीरा और करी पत्ते डालकर भूनें।
- जीरे के चटकते ही इसमें घिसे हुए आलू और नमक मिलाएं और 4-5 पांच मिनट तक सेकें।
- तय समय के बाद इसे पलटकर दूसरे साइड से भी सेंक लें।
- आलू के सुनहरा होते ही इस पर दरदरी पिसी हुई मूंगफली डालकर एक और मिनट तक तले और आंच बंदकर दें।
- तैयार है आलू की कीस। नींबू का रस और हरे धनिये से गार्निश कर सर्व करें।

रायपुर। अक्सर सफर के दौरान कुछ लोगों को उल्टी आना और सिर दर्द जैसी शिकायत होती है। यही वजह है कि लोग या तो बस या कार से जाना छोड़ देते हैं। लोगों में ये मिथ्य है कि खाली पेट सफर करने पर उल्टी नहीं होगी लेकिन, ये बिल्कुल गलत है। अक्सर जो लोग बिना कुछ खाए सफर पर निकल जाते हैं उन्हें मोशन सिकनेस अधिक होता है। लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं कि आप बहुत हैवी डाइट लें। घर से हल्की और हेल्दी डाइट लेकर ही निकलें। सफर पर निकलने से पहले आपको खाली पेट नहीं रहना है, ना ही बहुत ज़्यादा खाना है। फैट से भरा हुआ और मिर्च मसाले वाला खाना आपको नहीं खाना चाहिए। ऐसा करने से खाना पचने में समय लगता है, जिसकी वजह से सफर में आपको परेशानी हो सकती है।

रायपुर। सर्दी के मौसम में ना सिर्फ चेहरे की देखभाल ही काफी है, बल्कि आपके पैर भी ठीक तरह से देखभाल मांगते हैं। सर्दियों में अधिकतर लोगों के पैरों के तलवे फट जाते हैं, जो देखने में बहुत भद्दे लगते हैं। घरेलू उपचार से ही इसे ठीक कर सकते हैं या सावधानी बरत कर एड़ियों को फटने से ही रोक सकते हैं।
-पैरों की साफ-सफाई नियमित तौर पर करना जरूरी है। पैरों को गर्म पानी में डुबाकर रखने से दरारों में मौजूद नुकसानदायक जीवाणु नष्ट होते हैं साथ ही संक्रमण होने की संभावना भी कम हो जाती है।
-एक टब में गुनगुना पानी लें। इसमें एक चम्मच नमक और आधा चम्मच पिसी हुई फिटकरी डालें। इसमें अपने पैर डालकर 10 मिनट भिगोएं। इस प्रकार पैर भिगोने के बाद रगड़ कर मृत त्वचा को निकालें।
-देसी मोम (छत्ते का प्राकृतिक मोम) 25 ग्राम और 50 ग्राम तिल का तेल मिलाकर गर्म करें।अच्छी तरह मिक्स हो जाने पर इसे किसी चौड़े मुंह वाली शीशी में भर लें। ये मलहम तैयार है। पैर सूखने के बाद ये मोम बिवाइयों में लगाएं। इस प्रकार रोज इसे लगाने से एक सप्ताह में ही बिवाइयां ठीक हो सकती हैं।