

दिल्ली। अक्सर लोगों को कहते सुना है कि उन्हें पैसों की कमी नहीं है, लेकिन हाथ में पैसा रुकता भी नहीं है।जैसे ही पैसे आते हैं, वैसे ही खत्म भी हो जाते हैं। कई बार लोगों के खर्चे ज्यादा होते हैं लेकिन कई बार लोग फिजूलखर्ची में सारा पैसा उड़ा देते हैं और अगर ये स्थिति आपकी भी है तो फिर सोचने वाली बात है। कई बार ये सब घर में मौजूद वास्तु दोष के कारण भी होता है। तो आइए जानते हैं वास्तु के अनुसार घर में पैसा या तिजोरी रखने समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर घर में सही दिशा या सही जगह पर पैसे नहीं रखे जाते, तो आमदनी से ज्यादा खर्चा होने लगता है और इस बात की ओर खास ध्यान न दिया जाए, या फिर इस समस्या को नजरअंदाज किया जाए, तो बाद में कई आर्थिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। इसलिए वास्तु नियमों का पालन करें।
वास्तु जानकारों का मानना है कि घर की पूर्व और उत्तर दिशा का संबंध धन की देवी मां लक्ष्मी और कुबेर देव से माना जाता है। कहते हैं कि इन दिशाओं में देवता वास करते हैं। ऐसे में पूर्व दिशा में तिजोरी या पैसे रखना शुभ माना जाता है। वहीं, उत्तर दिशा में भी पैसों या तिजोरी को रखा जा सकता हैम अगर आप वास्तु के इन नियमों का पालन करते हैं तो इससे धन में बढ़ोतरी होती है और फिजूलखर्ची पर भी फुल स्टॉप लग जाता है।
वास्तु जानकारों का कहना है कि घर की दक्षिण दिशा में तिजोरी रखना शुभ नहीं होता। इस दिशा में अगर पैसे या तिजोरी रखी जाए तो इससे धन हानि होती है। या फिर घर में बरकत नहीं होती। व्यक्ति की फिजूलखर्ची बढ़ती चली जाती है। जिससे एक समय के बाद इंसान आर्थिक रूप से परेशान रहने लगता है। वहीं, पश्चिम दिशा में भी तिजोरी न रखने की सलाह दी जाती है।

नई दिल्ली। ओमिक्रॉन वेरिएंट से निपटने के लिए देश में काढ़ा का इस्तेमाल फिर से बढ़ गया है। वैसे तो काढ़ा का नियमित सेवन इम्यूनिटी बूस्टर माना जाता है लेकिन अगर उसमें सही मात्रा में तत्वों का मिश्रण न किया जाए तो वह फायदे के बजाय नुकसान का भी सबब बन सकता है। आइए जानते हैं कि काढ़ा बनाते समय किन बातों का खास ध्यान रखें।
सूप की तरह पीने योग्य होना चाहिए काढ़ा
आयुर्वेद के जानकारों के मुताबिक काढ़ा न तो ज्यादा गाढ़ा होना चाहिए और न ही पतला बल्कि वह सूप की तरह पीने योग्य होना चाहिए। जरूरी चीजों को मिलाने के बाद उसे तब तक उबालें जब तक पानी की मात्रा आधी न रह जाए। इस प्रकार का काढ़ा श्रेष्ठतम माना जाता है और शरीर को रोगाणुओं से पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करता है।
काढ़ा बनाने में इन चीजों का करें इस्तेमाल
काढ़ा बनाने में लोग अक्सर काली मिर्च, दालचीनी, हल्दी, अश्वगंधा, गिलोय और सोंठ का इस्तेमाल करते हैं। ये चीजें शरीर को गर्मी प्रदान करती हैं और रोगाणुओं से सुरक्षा देती हैं।
काढ़ा बनाने में जिन चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनकी मात्रा में संतुलन रखें। अगर काढ़ा पीने के बाद परेशानी हो तो दालचीनी, काली मिर्च, अश्वगंधा और सोंठ की मात्रा कम कर दें।
कमजोर पाचन शक्ति वाले न पीएं
जिन लोगों की पाचन शक्ति कमजोर हो, उन्हें काढ़ा ज्यादा पीने से मुंह के छाले, एसिडिटी, पेशाब आने में परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए अगर उन्हें ऐसी परेशानी महसूस हो तो इसका सेवन कम कर देना चाहिए।
इससे साथ ही काढ़ा ज्यादा पीने या ज्यादा कड़क काढ़ा बनाने से बीपी और नाक से जुड़ी समस्याओं के मरीजों में नाक से खून आ सकता है। पेशाब करते समय उन्हें जलन महसूस हो सकती है। उन्हें हर वक्त खट्टी डकार आने की समस्या हो सकती है.।

दिल्ली। कोरोना संक्रमितों की संख्या में एक बार फिर से इजाफा हो रहा हैं। राज्य सरकार भी तरह-तरह के नियम और कानूनों को लागू कर रहीं है। ऐसे में आने वाले त्योहारों को घर में मनाने में ही भलाई है। बहुत जल्द लोहड़ी आने वाली है, ऐसे में कई कपल्स ऐसे होंगे जिनकी ये पहली लोहड़ी है। शादी के बाद अगर कोई त्योहार पार्टनर के साथ सेलिब्रेट करना हो तो इसकी खूशी अलग ही होती है, लकिन कोरोना के कारण ये खूशी लोगों की मायूसी में बदल गई है। मकर संक्रांति से एक दिन पहले यानी की 13 जनवरी को हर साल इस त्योहार तो मनाया जाता है। इसके बाद से सर्दियों का मौसम धीरे-धीरे खत्म हो जाता है। इसके अलावा, यह गन्ने की सर्दियों की फसल की ओर भी केंद्रित है और इसीलिए गन्ने के सामान जैसे गुड़, गचक, और ऐसे अन्य खाने की चीजें इस त्योहार का प्रमुख हिस्सा हैं। इस दिन लोग पंजाब की पारंपरिक पोशाक पहनते हैं और गिद्दा और भांगड़ा करते हैं। इस दिन टेस्टी खाने की तैयारी और अलाव की रोशनी के साथ इस फेस्टिवल को मनाया जाता है। हालांकि कोरोना के कहर के कारण इस साल भी लोग इसे घरों में ही मनाएंगे। ऐसे में अपने परिवार वालों के साथ इस फस्टिवल को सेलिब्रेट करने के लिए आप कुछ प्लानिंग कर सकते हैं और कोरोना नियमों का पालन करते हुए इस त्योहार को खुशी-खुशी मना सकते हैं।
1) घर के खूले एरिया को चुनें
इस बार बाहर जाना, लोगों और चीजों के संपर्क में आना बहुत असुरक्षित है तो बेहतर होगा कि आप लोहड़ी सेलिब्रेशन के लिए अपने घर को तैयार करें और अपने सभी करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों को अपने घर पर आमंत्रित करें। सुनिश्चित करें कि वे पार्टी से कम से कम 2-3 दिन पहले पहुंचें। ताकि वे उन दिनों के लिए खुद को क्वारंटाइन कर सकें और फिर आपके साथ फेस्टिवल का लुफ्त उठा सकें।
इतना ही नहीं, एक होम पार्टी थोड़ी ज्यादा बचत करने के लिए बहुत बढ़िया है क्योंकि बहुत कम चीजें हैं जिनका आपको ध्यान रखने की जरूरत है। पार्टी करने के लिए घर के खुले इलाके जैसे घर के आंगन या फिर छत को चुनें।
2) सजावट करें
कोई भी त्योहार बिना डेकोरेशन के अधूरा सा लगता है। लोहड़ी के लिए भी आप कुछ डेकोरेशन जरूर करें। हालांकि आप लोहड़ी डेकोरेशन घर में मौजूद सामान से कर सकते हैं। इसके लिए कुछ कलरफुल फूल लें, लाइट्स या फिर पुरानी बची पतंग। इन सभी को अच्छे से प्लेस करें और डेकोरेट करें। ध्यान रखें लोहड़ी की डेकोरेशान काफी ज्यादा वाइब्रेंट होती है। इसलिए रंगों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें।
3) पार्टी में जरूर रखें कुछ मजेदार गेम
भारतीय बच्चे अंताक्षरी और चरखे खेलते हुए बड़े होते हैं, ऐसे में आप भी कुछ रोमांचक कर सकते हैं और अपने परिवार के सभी सदस्यों और दोस्तों के साथ खेल खेल सकते हैं। पारंपरिक ट्रिक या ट्रीट गेम जैसे गेम खेलें, चरखे खेलें या फिर पासिंग द पार्सल पास करें।

दिल्ली। ऑनलाइन पढ़ाई के चलते आजकल हर दूसरे पेरेंट्स की अपने बच्चों से यह शिकायत है कि उनका बच्चा सारा दिन फोन पर गेम खेलता रहता है और जब उसे कुछ याद करने के लिए कहें तो घंटों किताब को सामने रखकर बैठा रहता है। हालांकि, ज्यादातर केस में तो यह समस्या अनुशासन की कमी और रूटीन लाइफ के डिस्टर्ब होने की वजह से देखने को मिल रही है। बावजूद इसके अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे के साथ ऐसा रूटीन लाइफ के डिस्टर्ब होने की वजह से नहीं बल्कि ब्रेन पॉवर के कमजोर होने की वजह से हो रहा है तो टेंशन छोड़ बच्चे की डाइट में शामिल करें ये 5 चीजें।
अच्छी याददाश्त के लिए डाइट में शामिल करें ये चीजें-
अंडे-
अंड़े को प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। इतना ही नहीं इसका रोजाना सेवन ब्रेन पॉवर बढ़ाने का काम भी करता है। अंडे में कोलिन नामक तत्व पाया जाता है, जो मस्तिष्क के विकास और फंक्शन को तेज करता है।
अखरोट-
अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रचूर मात्रा में पाया जाता है, जो मस्तिष्क के लिए बहुत ही अच्छा माना गया है। अखरोट का आकार दिमाग की तरह होता है। रोजाना 1 अखरोट का सेवन करने से दिमाग तेज होता है। इतना ही नहीं अखरोट याददाश्त अच्छी करके डिप्रेशन को भी दूर रखने में मदद करता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां-
एक शोध के मुताबिक हरी पत्तेदार सब्जियां याददाश्त में कमी को रोकने में सहायक होती हैं। हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन के, ल्यूटिन, प्रोटीन, फोलेट और बीटा कैरोटीन भरपूर मात्रा में मौजूद होता है, जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
देसी घी-
सुबह उठकर बच्चा अपनी मील के साथ 1 चम्मच घी का सेवन नियमित रूप से करता है, तो ये उसकी याददाश्त बढ़ाने में मदद करता है।
चिया सीड्स-
चिया सीड्स में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो दिमाग के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। अगर रोजाना एक चम्मच चिया सीड्स को पानी में रात में भिगो दें और दूसरे दिन सुबह उस पानी का सेवन करें, तो कमजोर याददाश्त मजबूत होती है।

नई दिल्ली। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि व्यक्ति में कुछ खास बातें हों तो उसके दुश्मन को भी उसकी तारीफ करने पर मजबूर होना पड़ता है। फिर भले ही वो तारीफ मुंह पर करे या पीठ पीछे। जिंदगी में इतने ऊंचे मुकाम पर पहुंचने के लिए उसे 3 चीजें जरूर पा लेनी चाहिए।
ज्ञानवान बनें: बुद्धिमान और ज्ञानी व्यक्ति का सम्मान हर जगह होता है। इसलिए उम्र के हर पड़ाव पर ज्यादा से ज्यादा ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश करें और उसे दूसरों के साथ बांटें भी। ऐसा करना आपको दुश्मन की नजर में भी सम्मान दिलाएगा।
संस्कारी बने: यदि व्यक्ति ईमानदार और संस्कारी हो तो उस पर कोई भी गलत आरोप लगाना संभव नहीं होता। ऐसे में दुश्मन तमाम कोशिशें करके भी आपकी छवि धूमिल नहीं कर सकता है।
कुशल बनें। ऐसे लोगों जो किसी न किसी काम को करने में महारथ रखते हैं, उनको सम्मान और पैसा हमेशा मिलता है। उस व्यक्ति का कौशल दुश्मन को भी तारीफ करने पर मजबूर कर देता है।

नई दिल्ली। आचार्य चाणक्य के मुताबिक युवा अवस्था एक धन के समान है। जिस प्रकार धर्म में साधना का महत्व है, उसी तरह युवा अवस्था में हर इंसान को ज्ञान और संस्कार पाने के लिए शरीर को तपाना पड़ता है। जब जाकर इंसान के व्यक्तित्व में निखार आता है। चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को भविष्य में अच्छे जीवन के लिए युवावस्था में ही तपना पड़ता है। ऐसे में हर युवा को युवावस्था में सजग और सतर्क रहना चाहिए। क्योंकि इस उम्र में थोड़ी लापरवाही भी भविष्य में भारी पड़ती है। इसलिए युवावस्था में हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
युवा अवस्था में संगत का सीधा असर इंसान के जीवन पर पड़ता है। ऐसे में चाणक्य ने कहा है कि दोस्ती करते वक्त बहुत सावधान रहना चाहिए। अच्छे लोगों से संगति करने पर जीवन को नई दिशा मिलती है। जबकि गलत संगत में आने पर इंसान भविष्य अंधकारमय हो जाता है।
इस उम्र यदि गलत आदतें गले पड़ जाती हैं तो इससे छुटकारा पाना बहुत मुश्किल होता है। युवावस्था नशे की लत लग सकती है। नशे की लत खुद के जीवन को बर्बाद करने के साथ साथ आसपास के आसपास के लोगों पर भी असर डालता है। इसलिए इस उम्र में नशे से दूर रहना चाहिए।

नई दिल्ली। ठंड का मौसम आते ही मटर मिलना शुरू हो जाता है और यह इस मौसम में मिलने वाला सबसे लोकप्रिय सब्जी है। इसका प्रयोग लोग कई प्रकार के व्यंजनों में बहुत शौक से करते हैं। मटर प्रोटीन का सबसे अच्छा स्त्रोत होता है।
इनमें बड़ी मात्रा में फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और कई अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई बीमारियों से भी बचाता है। मटर के हरे दाने सेहत के लिए जितने फायदेमंद होते हैं वहीं इनकी ज्यादा मात्रा शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकती है। मटर में पाया जाने वाला विटामिन K शरीर में कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। हरी मटर का सबसे बड़ा साइड इफेक्ट ये है कि वो शरीर में विटामिन K का स्तर ज्यादा बढ़ा देता है। शरीर में विटामिन K की ज्यादा मात्रा खून को पतला कर देती है और प्लेटलेट्स काउंट कम कर देती है। इसकी वजह से घाव को भरने में ज्यादा समय लगता है। जिन लोगों को पेट से जुड़ी दिक्कत हो, उन्हें मटर का सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए।

नई दिल्ली। सर्दियों में संतरे खाना बेहद फायदेमंद है। ये इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर वजन घटाने तक का काम करती है। साथ ही इसमें खूब सारा विटामिन सी पाया जाता है, जो शरीर के लिए बेहत जरूरी है। सर्दियों के मौसम में जैसे-जैसे तापमान कम होने लगता है, हमारी इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है, स्किन बेजान होने लगती है और पाचन कमजोर होने लगता है। संतरे में पाया जाने वाला विटामिन सी शरीर में कुछ कीटाणुओं को रोकने का काम करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। संतरा एक ऐसा फल है जो स्वस्थ शरीर के साथ दमकती त्वचा देता है। वहीं संतरे में खूब सारा फाइबर होता है जो वजन कम करने के साथ-साथ पाचन को भी मजबूत करता है। घुलनशील फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा रखता है और ओवरइटिंग की आदत से बचाता है। इसकी वजह से शरीर में कैलोरी की मात्रा कम रहती है।

नई दिल्ली। आंखों के नीचे काले घेरे पड़ना ना सिर्फ आपको थका हुआ दिखाते हैं बल्कि इसके कारण आपकी खूबसूरत भी फीकी पड़ जाती है। लड़कियां इसके लिए महंगी-महंगी क्रीम ट्राई करती है, लेकिन घरेलू नुस्खे डार्क सर्कल को बिना किसी साइड-इफेक्ट के दूर कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे...
डार्क सर्कल होने के कारण
. आनुवंशिकता
. बढ़ती उम्र
. रूखी त्वचा
. ज्यादा आंसू बहाना
. कंप्यूटर के सामने ज्यादा देर बैठना
. मानसिक व शारीरिक तनाव
. नींद की कमी होना
. पौष्टिक भोजन का अभाव
डार्क सर्कल्स को दूर करने के लिए कुछ असरदार घरेलू नुस्खे
-टमाटर : 2 चम्मच टमाटर के रस में थोड़ा-सा नींबू का रस मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाएं। करीब 10 मिनट बाद इसे गुनगुने पानी से धो लें। ऐसा नियमित करने से फर्क दिखाई देगा।
-गुलाब जल और दूध : कच्चे दूध और गुलाब जल को बराबर मात्रा में मिलाएं। इसे रूई में भिगोकर आंखों के ऊपर कम से कम 20 मिनट तक रखें। इससे ना सिर्फ डार्क सर्कल्स बल्कि आंखों की थकान भी दूर होगी।
-खीरा : खीरे को स्लाइस को 30 मिनट के लिए फ्रिज में रखें और फिर आंखों के ऊपर रखें। 10 मिनट बाद स्लाइस हटा दें और ऐसे ही रातभर के लिए छोड़ दें। रोजाना ऐसा करने से भी काले घेरे कुछ समय में ही गायब हो जाएंगे।
-बादाम तेल : लगभग एक चम्मच बादाम तेल और नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाएं। इसे धीरे से आंखों के आसपास लगाकर कुछ सेकंड मसाज करें और 5-10 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर गुनगुने पानी से साफ कर लें।
-ग्रीन टी : ग्रीन टी बैग्स को पानी में भिगोकर कुछ सेकंड के लिए फ्रीजर में रख दें। फिर इसे ठंडा करके 10 मिनट तक आंखों के ऊपर रखें। ऐसा दिन में कम से कम 2 बार करें। ग्रीन टी में एंटी-ऑक्सीडेंट व एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो आंख क्षेत्र के नीचे तनावग्रस्त केशिकाओं को शांत करने में मदद करते हैं।

नई दिल्ली। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उनका स्वास्थ रहना बेहद जरूरी है। बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होने से वे जल्दी ही बीमार हो जाते हैं। ऐसे में उनकी सेहत को दुरुस्त रखने के लिए पेरेंट्स बच्चों की डाइट का खास ध्यान रखते हैं। मगर आप इस दौरान बच्चों से कुछ योगासन भी करवा सकती है। इससे बच्चे की इम्यूनिटी व पाचन तंत्र बेहतर होगा और एकाग्रता शक्ति बढ़ेगी। ऐसे में आपके बच्चे का बेहतर तरीके शारीरिक व मानसिक विकास होगा।
बालासन
इस योग को करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। शरीर के अंदरूनी अंगों में लचीलापन बढ़ता है। मन शांत होता है। गर्दन, कंधे व शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द होने की शिकायत दूर होती है। ऐसे में बच्चे का बेहतर तरीके से शारीरिक व मानसिक विकास होने में मदद मिलती है।
ताड़ासन
ताड़ासन करने से मांसपेशियों व हड्डियों में मजबूती आती है। शरीर का लचीलापन दूर होता है। साथ ही लंबाई बढ़ने में मदद मिलती है। अगर आपके बच्चे की हाइट कम है तो आप रोजाना उससे ताड़ासन जरूर करवाएं। इसके अलावा इससे शरीर की जकड़न, दर्द आदि से भी आराम मिलता है।
वृक्षासन
वृक्षासन करने से शरीर मजबूत होता है। इससे बच्चों को एकाग्रता शक्ति बढ़ने में मदद मिलेगी। रीढ़ की हड्डियां सीधी व मजबूत होती है। इम्यूनिटी और पाचन तंत्र दुरुस्त रहने में भी मदद मिलती है। इससे आपके बच्चे का बेहतर तरीके से शारीरिक व मानिसक विकास होगा।

नई दिल्ली। आजकल कम उम्र में भी बालों के सफेद होने की समस्या बढ़ गई है। ऐसे में कम उम्र की लड़कियां सफेद बालों से परेशान है। इसके पीछे का कारण गलत लाइफ स्टाइल व खानपान है। इससे बचने के लिए लड़कियां मेहंदी का सहारा लेती है। मगर मेहंदी लगाने से बालों का रंग गहरा लाल हो जाता है। इसके साथ ही बालों में रूखापन भी बढ़ने लगता है। ऐसे में आप मेहंदी में कुछ खास चीजें मिलाकर लगा सकती है। इससे आपको मनचाहा हेयर कलर तो मिलेगा ही साथ ही आपके बाल जड़ों से पोषित होंगे। ऐसे में आपको सुंदर, घने, मुलायम व काले बाल मिलेंगे। चलिए जानते हैं इसके बारे में...
मेहंदी में मिलाएं कॉफी
अगर आप बालों में ब्राउन या बरगंडी शेड देना चाहती है तो इसमें कॉफी मिलाएं। इसके लिए एक पैन में 1 कप पानी ओर 1 बड़ा चम्मच कॉफी मिलाकर उबालें। अब इसे ठंडा होने दें। बाद में इसमें 4-5 बड़े चम्मच मेहंदी पाउडर मिलाकर 3-4 घंटों के लिए भिगोएं। बाद में इसे बालों पर लगाकर 1-2 घंटे तक लगा रहने दें। इसके बाद ताजे पानी से बाल धो लें। अगली दिन माइल्ड शैंपू से बालों को धोएं।
मेहंदी में मिलाएं केला
अगर आप सफेद बालों से परेशान हैं तो मेहंदी में केला मिलाकर लगाएं। इसके लिए एक बाउल में जरूरत अनुसार मेहंदी और पानी मिलाकर रातभर भिगोएं। अगली सुबह इसमें एक पका हुआ केला मैश करके मिलाएं। तैयार मेहंदी को बालों पर 20-30 मिनट तक इसे लगाकर रखें। बाद में माइल्ड शैंपू से धो लें। अच्छा व जल्दी रिजल्ट पाने के लिए आप इनमें से किसी भी हेयर पैक को हफ्ते में 2 बार जरूर लगाएं।
मेहंदी लगाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
- कभी भी गंदे बालों पर मेहंदी ना लगाएं। इसके लिए पहले ही सिर धो लें।
- मेहंदी लगाने के बाद बालों पर कोई भी तेल लगा लें। अगले दिन ही शैंपू करें। इससे आपका रंग लंबे समय तक टिका रहेगा। साथ ही बाल मुलायम भी रहेंगे।
- मेहंदी को ज्यादा देर तक ना लगाएं। नहीं तो इससे आपको सही रंग नहीं मिलेगा।